
सोमवती अमावस्या क्या है?
सोमवती अमावस्या जब अमावस्या तिथि (चंद्रमा का कोई अस्तित्व न रहना) सोमवार के दिन पड़ती है, तब उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। यह तिथि अत्यंत पुण्यदायिनी मानी जाती है और हिंदू धर्म में इसका विशेष धार्मिक, आध्यात्मिक एवं पितृ कार्यों में अत्यधिक महत्व है।
📜 सोमवती अमावस्या का धार्मिक महत्त्व:
- 🔹 पवित्र स्नान और दान:
इस दिन गंगा, यमुना, या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना और दान-पुण्य करना विशेष फलदायी माना जाता है। - 🔹 पितृ दोष निवारण:
सोमवती अमावस्या पर पिंडदान और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष दूर होता है। - 🔹 पीपल वृक्ष की पूजा:
इस दिन पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा कर उसकी पूजा करने से विशेष पुण्य फल मिलता है। यह वृक्ष देवताओं का वास स्थल माना जाता है। - 🔹 व्रत का महत्त्व:
जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है, उसे आयु, स्वास्थ्य, संतान सुख, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। - 🔹 सूर्य और चंद्र की विशेष स्थिति:
सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्र एक ही राशि में होते हैं, जिससे इसका ज्योतिषीय महत्व भी बढ़ जाता है।

इस दिन सभी मंत्र जाग्रत स्थिति में होते हैं। आप किसी भी मंत्र का उपयोग करके साधना आरंभ कर सकते हैं। यह दिन किसी भी प्रकार की साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
🙏 साधकों के लिए विशेष अवसर:
जो लोग पूरे वर्ष किसी भी साधना में नहीं लग पाते, वे भी सोमवती अमावस्या के इस अवसर का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं।
यह दिन विशेष रूप से तीन साधनाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है:
- भगवान शिव की साधना
- यक्षिणी साधना
- महालक्ष्मी या शक्तिपीठ साधनाएँ
इनमें से कुछ साधनाएं बिना विधिपूर्वक पूजा और बिना मंत्र जागरण के नहीं की जा सकतीं।
सोमवती अमावस्या एक ऐसा दिन है जब धन और बाधाओं से छुटकारे के लिए उपाय करना बहुत फलदायी होता है।
🔥 धूमावती साधना और मंत्र:
जो साधक गंभीर तंत्र बाधाओं से पीड़ित हैं, उनके लिए यह दिन धूमावती साधना के लिए श्रेष्ठ है।
आपको इस दिन:
- सरसों का तेल जलाना है,
- चिरमी के दानों का उपयोग करना है,
- और नीचे दिया गया मंत्र 1 या 5 माला (108 या 540 बार) हवन के साथ करना है।
📿 धूमावती साधना मंत्र:
“ॐ धूं धूं धूमावती
सर्वतंत्र मंत्र यंत्र
सर्व भूत प्रेतादि दमनाय हुम फट्॥”
इस मंत्र का प्रयोग अत्यंत शक्तिशाली है।
इससे आप न केवल अपनी नकारात्मक ऊर्जा, बल्कि अपने जीवन की अनेक बाधाओं से छुटकारा पा सकते हैं।

🔐 महत्वपूर्ण निर्देश:
- यह साधना रात्रि में करनी चाहिए।
- अगर आप खुद पीड़ित हैं तो हवन न करें। घर के स्वस्थ और ऊर्जावान व्यक्ति से ही यह साधना करवाएं।
- चिरमी के बीज (लाल और काले) किसी भी पूजा सामग्री की दुकान पर मिल जाते हैं।
- यदि आप “एक सौ आठ” (108) बार इस मंत्र का जाप और हवन करते हैं, तो आपके जीवन में जबरदस्त बदलाव आ सकते हैं।
💫 अनुभव और सिद्धि:
जो साधक इस साधना को करते हैं, उनके भीतर अलौकिक शक्तियाँ जागृत होने लगती हैं।
वे स्वयं की रक्षा कर सकते हैं और अपने आसपास के लोगों की भी।
यह साधना किसी भी प्रकार की तांत्रिक बाधा को समाप्त कर सकती है।
🙏 सिद्ध मंत्रों की साधना – गुरु का आशीर्वाद आवश्यक:
सभी साधनाओं में गुरु का मार्गदर्शन और कृपा अत्यंत आवश्यक होती है।
आप अपने गुरु के निर्देशन में या फिर मेरे बताए मार्ग से भी यह साधना कर सकते हैं।
जो लोग एकाग्र मन और पूर्ण श्रद्धा से इस मंत्र की 108 माला कर लेते हैं, वे तंत्र/मंत्र/भूत-प्रेत बाधा से पूरी तरह मुक्त हो सकते हैं।

पुराणों में उल्लेख:
- महाभारत में भी सोमवती अमावस्या का वर्णन है। युधिष्ठिर ने भी इस दिन के पुण्य को श्रेष्ठ बताया है।
- पद्म पुराण और स्कंद पुराण में भी इस दिन को कल्याणकारी और दोष नाशक बताया गया है।
🌺 इस दिन क्या करें?
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करें।
- पीपल वृक्ष की पूजा करें और जल अर्पित करें।
- जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करें।
- पितरों के नाम पर पिंडदान और तर्पण करें।
- व्रत रखें और भगवान शिव, विष्णु और सूर्य देव की आराधना करें।
🙏 फल (Benefits):
- पापों से मुक्ति
- परिवार में सुख-शांति
- पितृ दोष से मुक्ति
- स्वास्थ्य लाभ और दीर्घायु
- मोक्ष की प्राप्ति
